छत्तीसगढ़ के बिलासपुरमें एक हैरान करने वाला और रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक मौलाना ने अपनी गर्भवती पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी. मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है, जहां मौलाना कारी बशीर ने 12 जुलाई को अपनी 35 वर्षीय पत्नी सलमा को कथित रूप से एसिड पिलाकर मार डाला और फिर शव को यूपी के मिर्जापुर जिले में अपने पैतृक गांव ले जाकर दफना दिया.
घटना के तुरंत बाद यूनिटी अस्पताल ने महिला की मौत को मानसिक बीमारी से जुड़ा बताया, लेकिन परिजनों को शक होने पर उन्होंने कलेक्टर से शिकायत की. परिजनों की मांग पर 26 जुलाई को कब्र खोदकर शव निकाला गया और तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमॉर्टम किया.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में साफ हुआ कि महिला के मुंह को एसिड से जलाया गया था और शरीर पर चार गंभीर चोट के निशान थे. इससे साफ होता है कि उसे पीटने के बाद एसिड पिलाकर मारा गया. वहीं, मृतका के भाई और रिश्तेदारों ने मौलाना का दूसरी महिला से संबंध होने का आरोप लगाया है. बताया गया कि शादी के दो साल बाद से ही सलमा के साथ मारपीट शुरू हो गई थी और दहेज को लेकर उसे प्रताड़ित किया जाता था. घटना की रात (11 जुलाई) को मौलाना का पत्नी से विवाद हुआ था, जिसके बाद पड़ोसियों ने 8 साल की बेटी से जानकारी पाकर घर पहुंचकर खून और हार्पिक फैला देखा.
मृतका की 8 वर्षीय बेटी ने पड़ोसियों को बताया कि रात को घर में फर्श पर हार्पिक फैला था और चादर खून से सनी हुई थी. बेटी के इस बयान से शक गहराया. अगले दिन यूनिटी अस्पताल से सलमा की मौत की सूचना दी गई, लेकिन अस्पताल ने मौत की वजह मानसिक बीमारी बताई. परिजनों को यह बात हजम नहीं हुई और उन्होंने प्रशासन से जांच की मांग की. 26 जुलाई को सलमा का शव मिर्जापुर में दफनाई गई कब्र से बाहर निकाला गया. तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमॉर्टम किया, जिसमें सामने आया कि महिला के मुंह और शरीर पर तेजाब के निशान थे. शरीर पर चार गंभीर चोटों के भी निशान मिले।
परिजनों का आरोप है कि सलमा की बेरहमी से हत्या की गई है. मौलाना उसे लगातार परेशान करता रहता था. इधर, अस्पताल प्रबंधन की भूमिका पर भी संदेह है. LAMA (लीव अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस) दस्तावेज को परिजनों ने फर्जी बताया है और अब तक अस्पताल ने सीसीटीवी फुटेज भी नहीं सौंपा है. इस बीच बिलासपुर पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है, क्योंकि पोस्टमॉर्टम के 9 दिन बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और न ही टीम जांच के लिए मिर्जापुर भेजी गई है. लड़की के पक्ष वालों ने कहा कि मौलाना ने स्थानीय पुलिस खरीद कर रखी हुई है. वो कोई कार्रवाई तक नहीं करना चाहते थे. यहां महिला के परिजनों ने आशंका जताई है कि इस केस में शायद ही कोई कार्रवाई हो सके.

