टीम इंडिया(Photo Credits: X/ @BCCI)
Team India Milestone: भारतीय क्रिकेट टीम ने 2025 में केनिंग्टन ओवल (Oval) में इंग्लैंड के खिलाफ जो ऐतिहासिक टेस्ट जीत दर्ज की, वह न सिर्फ एशियाई दिग्गजों की सबसे यादगार जीतों में से एक बन गई, बल्कि इसने रिकॉर्ड बुक्स में भी एक नया अध्याय जोड़ दिया. यह जीत केवल छह रन के बेहद मामूली अंतर से आई. और इसके साथ ही भारत ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया जो पिछले 123 वर्षों में कोई भी टीम नहीं कर पाई थी. 2025 की एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी (Anderson-Tendulkar Trophy) बेहद रोमांचक रही. पांचवां और अंतिम टेस्ट भी पिछले चार मुकाबलों की तरह अंतिम दिन तक गया. इंग्लैंड को जीत के लिए आखिरी दिन 35 रन की दरकार थी, वहीं भारत को 4 विकेट. मोहम्मद सिराज ने पांच विकेट झटके, जिनमें से तीन उन्होंने पांचवें दिन लिए, जबकि प्रसिद्ध कृष्णा ने चौथी पारी में चार विकेट चटकाए. दोनों की शानदार गेंदबाज़ी के चलते भारत ने इंग्लैंड को 367 रन पर समेट दिया और मुकाबला छह रन से अपने नाम कर लिया. ओवल में टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में भारत ने दर्ज की सबसे छोटी जीत, देखें अब तक की सबसे कम रनों से दर्ज जीतों की पूरी लिस्ट
123 साल बाद रचा गया इतिहास
भारत ने क्रिकेट इतिहास में एक दुर्लभ उपलब्धि हासिल करते हुए इंग्लैंड को उसके घर में 10 रन से कम अंतर से हराने वाली दुनिया की पहली टीम बनने का गौरव प्राप्त किया है. यह कारनामा 123 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद देखने को मिला है. इससे पहले केवल दो बार ऐसी रोमांचक जीत दर्ज की गई थी. पहली बार 1882 में ऑस्ट्रेलिया ने ओवल मैदान पर इंग्लैंड को 7 रन से हराया था, और दूसरी बार 1902 में मैनचेस्टर में ऑस्ट्रेलिया ने ही 3 रन से जीत दर्ज की थी. अब 2025 में भारत ने केनिंग्टन ओवल में इंग्लैंड को 6 रन से मात देकर न केवल सीरीज 2-2 से बराबरी पर समाप्त की, बल्कि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज करवा लिया.
इंग्लैंड में सबसे करीबी हारें (10 रन से कम अंतर से)
| टीम | अंतर | मैदान | वर्ष |
|---|---|---|---|
| ऑस्ट्रेलिया | 3 रन | मैनचेस्टर | 1902 |
| भारत | 6 रन | ओवल | 2025 |
| ऑस्ट्रेलिया | 7 रन | ओवल | 1882 |
भारत की सबसे करीबी टेस्ट जीतें
ओवल की यह जीत भारत की टेस्ट इतिहास में सबसे करीबी जीत भी बन गई. इससे पहले भारत ने 2004 में मुंबई में ऑस्ट्रेलिया को 13 रन से हराया था. यह जीत सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि एक नए आत्मविश्वास, विविधता और जज़्बे का प्रतीक है. शुभमन गिल की कप्तानी में युवा खिलाड़ियों ने दिखाया कि भारत अब सिर्फ घरेलू नहीं, बल्कि विदेशी सरज़मीं पर भी इतिहास रचने में सक्षम है. 123 साल का इंतज़ार, और फिर वो पल आया जब टीम इंडिया ने इतिहास को फिर से लिखा. दुनिया की पहली टीम बनकर जिसने इंग्लैंड को उसके घर में 10 रन से कम अंतर से हराया.

