राजनांदगांव। सोशल मीडिया की आभासी दुनिया में दोस्ती का दिखावा कर एक युवती से धोखाधड़ी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ थाना क्षेत्र में रहने वाली एक युवती को खुद को PWD विभाग का सिविल इंजीनियर बताने वाले युवक ने शादी का झांसा दिया और फिर एक्सीडेंट का बहाना बनाकर 7.35 लाख रुपए की ठगी कर फरार हो गया।
हालांकि, युवती की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, ठगी का शिकार हुई युवती की मुलाकात दो साल पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर तखतपुर निवासी जयप्रकाश बघेल (30 वर्ष) से हुई थी।
शुरुआत में दोनों के बीच सामान्य बातचीत होती रही, लेकिन जल्द ही यह बातचीत नजदीकियों में बदल गई। आरोपी ने खुद को लोक निर्माण विभाग (PWD) में पदस्थ सिविल इंजीनियर बताया और सरकारी अफसर की छवि बनाकर युवती और उसके परिवार का विश्वास जीत लिया। कुछ ही महीनों में आरोपी ने युवती से प्रेम संबंध कायम कर लिया और फिर शादी का प्रस्ताव भी रखा। इतना ही नहीं, जयप्रकाश ने वीडियो कॉल के जरिए युवती के परिजनों से बात कर रिश्ते की बात पक्की कर ली, जिससे परिवार वालों को भी किसी प्रकार का शक नहीं हुआ। परिजन भी युवक को दामाद के रूप में स्वीकार कर चुके थे।
एक्सीडेंट का बहाना और ठगी की शुरुआत
कुछ महीने बाद जयप्रकाश ने युवती को कॉल कर बताया कि वह एक गंभीर सड़क दुर्घटना में घायल हो गया है और अस्पताल में भर्ती है। उसने इलाज के लिए तत्काल पैसों की जरूरत बताते हुए अलग-अलग खातों में कुल 7.35 लाख रुपए ट्रांसफर करने की गुहार लगाई। युवती ने बिना किसी संदेह के फोन-पे के जरिए यह राशि ट्रांसफर कर दी। पैसे मिलते ही युवक का व्यवहार अचानक बदलने लगा। उसने बातचीत कम कर दी, कॉल उठाने बंद कर दिए और धीरे-धीरे पूरी तरह से संपर्क से दूर हो गया। परेशान युवती को जब शक हुआ तो उसने खुद से पड़ताल शुरू की, जिसके बाद सच्चाई सामने आई। जांच में पता चला कि जयप्रकाश बघेल न तो PWD में कार्यरत था और न ही उसका कोई सरकारी पद था।
पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार, निकला पुराना अपराधी
ठगी का एहसास होते ही युवती 31 जुलाई को डोंगरगढ़ थाने पहुंची और पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई। थाना प्रभारी उपेंद्र शाह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने बैंक ट्रांजैक्शन और मोबाइल कॉल डिटेल की जांच करते हुए आरोपी की पहचान और ठिकाने का पता लगाया। जांच में यह भी सामने आया कि जयप्रकाश बघेल रायपुर के पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र में भी एक अन्य ठगी के मामले में फरार चल रहा था।
थाना प्रभारी उपेंद्र शाह ने बताया कि आरोपी ने सुनियोजित तरीके से युवती को प्रेमजाल में फंसाया और खुद को सरकारी इंजीनियर बताकर विश्वास अर्जित किया। लगभग दो साल तक वह संपर्क में रहा और विश्वास का लाभ उठाते हुए भारी रकम ऐंठ ली। पीड़िता से कुल 7 लाख 35 हजार रुपए की ठगी की गई थी।
कानूनी कार्रवाई एवं न्यायिक रिमांड
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 406, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया। बाद में उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है कि कहीं आरोपी ने इसी तरह और भी महिलाओं को अपना शिकार तो नहीं बनाया। उसके मोबाइल, सोशल मीडिया अकाउंट्स और बैंक खातों की विस्तृत जांच की जा रही है। पुलिस को संदेह है कि यह कोई एकलौता मामला नहीं है और आरोपी किसी गिरोह से भी जुड़ा हो सकता है।
सोशल मीडिया पर बढ़ती ठगी की घटनाएं
यह घटना सोशल मीडिया के माध्यम से हो रही ठगी की एक और मिसाल बन गई है, जहां भावनाओं के जरिए अपराधी लोगों को जाल में फंसाकर आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे मामलों में पीड़ित अक्सर देर से जागरूक होते हैं और तब तक काफी कुछ गंवा चुके होते हैं। पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर किसी भी अनजान व्यक्ति से व्यक्तिगत जानकारी साझा करने और पैसों का लेनदेन करने से पहले पूरी तरह से उसकी सत्यता की जांच करें।

