गिरिश गुप्ता गरियाबंद:- समाज कल्याण विभाग गरीबों दिव्यांगों और ज़रूरतमंदों की मदद के लिए बनी योजनाएं आती हैं। लेकिन सोचिए, जब इन्हीं योजनाओं के पहरेदार ही लूट के खेल में शामिल हो जाएं तो कैसा लगेगा? गरियाबंद में समाज कल्याण विभाग के पूर्व उपसंचालक और पूर्व डीडीओ पर करोड़ों रुपये के घोटाले का सनसनीखेज़ मामला सामने आया है। पूर्व कलेक्टर दीपक अग्रवाल के निर्देश पर अब पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
वही एफ.आई.आर.दजँ होने से विभाग में अफरातफरी का माहौल बन गया है ये मामला है 2016 से 2022 के बीच का… जहां समाज कल्याण विभाग के पूर्व उपसंचालक एल.एस. मार्को और पूर्व डीडीओ मुन्नीलाल पाल पर आरोप है कि उन्होंने योजनाओं के नाम पर 3 करोड़ 25 लाख 50 हजार रुपये की हेराफेरी की।
दोनों ने जागरूकता अभियान, पेंशन योजना, दिव्यांग प्रोत्साहन और पुनर्वास शिविरों के नाम पर सीधे रायपुर के उच्च कार्यालय से करोड़ों की रकम मंगवाई… जबकि नियम यह है कि कोई भी विभाग कलेक्टर की अनुशंसा पर ही उच्च कार्यालय से राशि मंगवाते हैं और उच्च कार्यालय भी कलेक्टर की अनुशंसा पर ही राशि रिलीज करते हैं लेकिन गरियाबंद के आधिकारिक दस्तावेजों में इसकी कोई एंट्री तक नहीं की। वही महत्वपूर्ण बात यह भी है की रायपुर के उच्च कार्यालय के अधिकारियों ने बिना कलेक्टर के अनुशंसा के राशि भेज भी कैसे दी यह भी महत्वपूर्ण बिंदु है।
गरियाबंद, धमतरी और रायपुर के बैंकों में अलग से खाते खोले गए… सरकारी रकम जमा की गई… और फिर सेल्फ चेक या कुछ लोगों के नाम पर पैसा निकालकर निजी इस्तेमाल में ले लिया गया। शिकायत मिलने पर तत्कालीन कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई। जिला कोषालय और समाज कल्याण विभाग के अफसरों की इस टीम ने जांच में आरोपों को सही पाया।
इसके बाद कलेक्टर ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। गरियाबंद सिटी कोतवाली में दोनों के खिलाफ धारा 409 और 34 के तहत मामला दर्ज हुआ। पुलिस अब धमतरी, रायपुर और गरियाबंद के बैंक खातों की जांच कर रही है। उम्मीद है… जल्द ही दोनों पूर्व अफसरों पर पुलिस का शिकंजा कस जाएगा।

