दिव्या देशमुख, PM नरेंद्र मोदी (Photo Credits: @airnewsalerts/X)
FIDE World Cup And World Chess Championship Difference: भारतीय युवा शतरंज सितारा दिव्या देशमुख ने इतिहास रचते हुए FIDE वुमेंस वर्ल्ड कप 2025 जीत लिया है. इस जीत के साथ वह भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर बन गईं हैं और देश की 88वीं ग्रैंडमास्टर का खिताब उनके नाम हो गया है. उन्होंने यह उपलब्धि भारतीय दिग्गज कोनेरू हम्पी को हराकर हासिल की. दोनों के बीच दो क्लासिकल गेम ड्रॉ रहे, लेकिन टाई-ब्रेकर में दिव्या ने हम्पी को मात देकर खिताब अपने नाम किया. दिव्या की इस ऐतिहासिक जीत पर देशभर से बधाइयों की बौछार हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई देते हुए ट्वीट किया, लेकिन इसी ट्वीट में उन्होंने दिव्या को “FIDE वुमेंस वर्ल्ड चेस चैंपियन 2025” कह दिया. यहीं से विवाद शुरू हो गया और सोशल मीडिया पर नेटिज़न्स ने उन्हें आड़े हाथों लिया. यूज़र्स ने स्पष्ट किया कि दिव्या ने FIDE वर्ल्ड कप जीता है, न कि वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप. अब सवाल उठता है कि आखिर FIDE वर्ल्ड कप और वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में फर्क क्या है? आइए समझते हैं. दिव्या देशमुख समेत इन भारतीय महिलाओं ने जीता शतरंज का सबसे बड़ा खिताब FIDE वूमेन्स चेस वर्ल्ड कप, यहां देखिए भारतीय महिला ग्रैंडमास्टर्स की लिस्ट
क्या है FIDE World Cup?
FIDE वर्ल्ड कप एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय शतरंज टूर्नामेंट है जो नॉकआउट फॉर्मेट में खेला जाता है. इसमें विश्व के शीर्ष 100 से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जिनमें कई खिलाड़ी क्षेत्रीय या रेटिंग आधारित क्वालिफिकेशन के ज़रिए प्रवेश करते हैं. 2005 से यह टूर्नामेंट हर दो साल में एक बार आयोजित होता है और वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के लिए एक क्वालीफाइंग प्लेटफॉर्म की भूमिका निभाता है.
टूर्नामेंट में प्रत्येक राउंड में दो क्लासिकल गेम खेले जाते हैं और अगर वे ड्रॉ होते हैं तो रैपिड और फिर ब्लिट्ज टाई-ब्रेकर से विजेता तय किया जाता है. इस टूर्नामेंट का विजेता सीधे वुमेंस कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह बनाता है, जो अंततः वर्ल्ड चैंपियन बनने के रास्ते का एक बड़ा पड़ाव होता है. दिव्या देशमुख ने इसी FIDE वर्ल्ड कप 2025 को जीतकर न केवल खिताब अपने नाम किया बल्कि ग्रैंडमास्टर बनने की अंतिम शर्त भी पूरी कर ली.
क्या है World Chess Championship?
वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप शतरंज की दुनिया का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित खिताब है, जिसकी शुरुआत 1886 में हुई थी. यह एक हेड-टू-हेड मुकाबला होता है जिसमें मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन और कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने वाला चैलेंजर आमने-सामने होते हैं. यह मुकाबला पूरी तरह से क्लासिकल टाइम कंट्रोल में खेला जाता है और इसमें सीमित संख्या में मैच होते हैं (जैसे 12 या 14 गेम), जो खिलाड़ी जीतता है, वही आधिकारिक रूप से “वर्ल्ड चेस चैंपियन” कहलाता है,
दिव्या देशमुख की ऐतिहासिक जीत और विवाद
She is not a women’s World chess champion yet. She has won the Chess world cup which gives you a shot at the candidates tournament which is 1 step from challenging the World chess champion. https://t.co/Ltmd8Yxf2o
— Sarthaka Singh (@therealp0litik) July 28, 2025
“world cup winner” not “world chess champion” https://t.co/LpUdARtOOI
— mikhail tal (@introverted_dmb) July 28, 2025
Women’s World Cup champion sir😅😅 not women’s World champion. https://t.co/W4ODOmJlyY
— neha (@nehaaa107) July 28, 2025
A mistake sir.
Divya Deshmukh has become the FIDE women’s World Cup champion and not the FIDE women’s world Chess champion.
Both are different. Though both Divya (for first time) and Humpy have qualified for the FIDE women’s candidates which will select the challenger to the…
— Bhushan (@bhs7rocks) July 28, 2025
दिव्या देशमुख की जीत इसलिए ऐतिहासिक है क्योंकि वह FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली भारत की पहली महिला बनी हैं. उन्होंने हम्पी जैसी अनुभवी खिलाड़ी को हराया और भारतीय महिला शतरंज में नया इतिहास रच दिया. हालांकि जब पीएम मोदी ने दिव्या को बधाई देते हुए उन्हें “वर्ल्ड चेस चैंपियन” कहा तो कई यूज़र्स ने इस गलती की ओर ध्यान दिलाया। ट्विटर (अब X) पर एक यूज़र ने लिखा, “दिव्या ने FIDE वर्ल्ड कप जीता है, न कि वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप, कृपया तथ्य सही रखें.” एक अन्य यूज़र ने लिखा, “दिव्या की जीत बेहद गर्व की बात है, लेकिन उन्हें ‘वर्ल्ड चेस चैंपियन’ कहना ग़लत है. इसके लिए वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतनी होती है.”
FIDE वर्ल्ड कप और वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप दोनों शतरंज की दुनिया के बेहद अहम टूर्नामेंट हैं, लेकिन दोनों का उद्देश्य, प्रारूप और महत्व अलग हैं. FIDE वर्ल्ड कप जहां खिलाड़ियों को वर्ल्ड चैंपियनशिप की ओर ले जाने वाला रास्ता है, वहीं वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में जीतने वाला ही असली ‘विश्व चैंपियन’ कहलाता है. दिव्या देशमुख ने वर्ल्ड कप जीतकर न सिर्फ ग्रैंडमास्टर का दर्जा पाया बल्कि भारत के लिए गौरव का नया अध्याय भी लिखा. अब उनकी नज़र कैंडिडेट्स टूर्नामेंट पर होगी, जो उन्हें वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप तक ले जा सकता है. लेकिन फिलहाल, ये स्पष्ट है कि दिव्या “FIDE वर्ल्ड कप चैंपियन” हैं, “वर्ल्ड चेस चैंपियन” नहीं.

