बिलासपुर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के दिशा-निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) रामगोपाल करियारे द्वारा बुधवार को पुलिस लाइन स्थित परेड ग्राउंड में बिलासपुर ट्रैफिक पुलिस का वार्षिक निरीक्षण संपन्न हुआ। यह निरीक्षण अनुशासन, कार्य दक्षता, शारीरिक टर्नआउट, व्यवहार तथा आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारियों के बारीकी से मूल्यांकन पर केंद्रित रहा। निरीक्षण कार्यक्रम के दौरान ट्रैफिक पुलिस की विभिन्न टुकड़ियों द्वारा ड्रिल, यातायात संचालन मैन्युअल तथा शारीरिक संकेतों का
अभ्यास
प्रस्तुत किया गया। इस अभ्यास से पुलिसकर्मियों की तत्परता, प्रशिक्षण की गुणवत्ता एवं यातायात नियंत्रण में उनकी व्यावहारिक दक्षता का मूल्यांकन किया गया। निरीक्षण के आधार पर बेहतर अनुशासन, सजगता और टर्न आउट प्रदर्शन करने वाले 25 अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशस्तिपत्र एवं सेवा पुस्तिका में प्रशंसा दर्ज कर सम्मानित किया गया। वहीं, अनुशासनहीनता या लापरवाही प्रदर्शित करने वाले कर्मियों को चेतावनी पत्र जारी कर सुधार के निर्देश दिए गए।
उपकरणों और वाहनों की कार्यस्थिति की जांच
निरीक्षण के दौरान ट्रैफिक विभाग में प्रयुक्त वाहनों की कार्यक्षमता, इमरजेंसी किट, जीवन रक्षक औषधियां, प्राथमिक उपचार सामग्री, व्हील लॉक, रस्सी, टॉर्च एवं अन्य आवश्यक उपकरणों की स्थिति की समीक्षा की गई। अधिकारियों ने इन उपकरणों के नियमित रखरखाव पर बल देते हुए सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी आपात स्थिति में पुलिस बल पूर्ण रूप से तैयार रहे। वहीं, परेड ग्राउंड में शारीरिक यातायात संकेतों का प्रदर्शन भी कराया गया, जिसमें विभिन्न प्रकार के हैंड सिग्नल, रूट डायवर्जन संकेत एवं मार्गदर्शन चिन्हों की जानकारी शामिल थी। एएसपी करियारे ने इस अवसर पर सभी ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को यातायात नियमों की अद्यतन जानकारी रखने और आमजन को भी नियमों के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए।
आम नागरिकों से व्यवहार और सेवा भावना पर जोर
निरीक्षण के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामगोपाल करियारे ने सभी ट्रैफिक कर्मियों को निर्देशित किया कि वे अपने कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा, संयम और धैर्य के साथ करें। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक पुलिस शहर की जीवन रेखा है, और इस व्यवस्था की सुचारुता आम नागरिकों की सुविधा से जुड़ी होती है। इसलिए प्रत्येक कर्मी को चाहिए कि वह शालीन आचरण अपनाए, पुलिस की गरिमा को बनाए रखे और आम नागरिकों के साथ सहयोगपूर्ण व्यवहार करे। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में भी ट्रैफिक पुलिस को जनता के हित में तत्पर रहना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि सड़क यातायात बाधित न हो तथा किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।
स्वास्थ्य समस्याओं पर भी जताई गई चिंता
निरीक्षण के दौरान ट्रैफिक कर्मियों की शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। अधिकारियों ने माना कि लंबे समय तक ड्यूटी के दौरान खड़े रहने और बदलते मौसम की मार झेलने से कई जवानों को वेरीकोज वेन, पैरों में सूजन, पीठ दर्द तथा सांस संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके मद्देनजर सभी कर्मचारियों से उनकी स्वास्थ्य, मानसिक स्थिति और पारिवारिक परिस्थितियों की जानकारी एकत्रित की गई। आवश्यकतानुसार संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट भेजने तथा
आवश्यकता
होने पर स्वास्थ्य परीक्षण कराने का भी आश्वासन दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि स्वस्थ पुलिस बल ही बेहतर कानून व्यवस्था और सेवा दे सकता है। निरीक्षण के पश्चात शहर के प्रमुख चौराहों, जाम प्रभावित क्षेत्रों और यातायात दबाव वाले मार्गों पर विशेष सायरन युक्त पेट्रोलिंग भी की गई। इस पहल का उद्देश्य यातायात व्यवस्था में सुधार लाना और लोगों में ट्रैफिक पुलिस की उपस्थिति का प्रभावी संदेश देना रहा। इससे यातायात नियमों के पालन में भी सकारात्मक बदलाव देखा गया।