.
PM Fasal Bima Yojana 2025: बारिश के मौसम में जहां किसान धान और खरीफ फसलों की बुवाई में जुटे हैं, वहीं बाढ़, सूखा या कीट हमलों जैसी प्राकृतिक आपदाएं उनकी मेहनत पर पानी फेर सकती हैं. ऐसे में किसानों को राहत देने के लिए सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) 2025 एक अहम सहारा बनकर सामने आती है. सरकार ने योजना में नामांकन की अंतिम तारीख 31 जुलाई तय की है, इसलिए जो किसान अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए हैं, वे जल्द से जल्द आवेदन कर लें.
क्या है पीएम फसल बीमा योजना?
साल 2016 में शुरू की गई यह योजना किसानों को फसल खराब होने की स्थिति में आर्थिक सहायता देने के लिए लाई गई थी. इसका उद्देश्य है फसलों के नुकसान की भरपाई कर किसानों की आमदनी को स्थिर रखना. इस योजना को केंद्र सरकार, राज्य सरकार और बीमा कंपनियों की साझेदारी में कृषि मंत्रालय संचालित करता है.
किसानों को कितना प्रीमियम देना होता है?
-
- खरीफ फसलों पर 2%
-
- रबी फसलों पर 1.5%
-
- वाणिज्यिक और बागवानी फसलों पर 5%
बाकी राशि सरकार द्वारा वहन की जाती है.
कौन कर सकता है आवेदन?
लोन लेने वाले किसान (Loanee Farmers) का नाम अपने आप जुड़ जाता है, जब तक वे अलग न होना चाहें. बिना लोन वाले किसान (Non-Loanee Farmers) को आखिरी तारीख से पहले रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. इस बार के खरीफ सीजन में किसान धान, मूंग, सोयाबीन, बाजरा, मक्का, अरहर, तिल आदि फसलों का बीमा करा सकते हैं.
कैसे करें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन?
1. वेबसाइट pmfby.gov.in पर जाएं.
2. आधार और मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन करें.
3. फसल और बैंक डिटेल्स भरें.
4. फॉर्म सबमिट कर दें और बीमा कवरेज पा लें.
जरूरी दस्तावेज
-
- आधार कार्ड
-
- बैंक पासबुक
-
- फसल बुवाई का विवरण
-
- खेत का खसरा-खतौनी
बीमा क्लेम कैसे करें?
अगर बुवाई के बाद 14 दिनों के अंदर या कटाई के बाद किसी प्राकृतिक आपदा से फसल को नुकसान होता है, तो किसान को 72 घंटे के अंदर दावा करना होगा.
दावा कैसे करें?
-
- कृषि रक्षक पोर्टल
-
- हेल्पलाइन नंबर: 14447
-
- Crop Insurance App
इसके बाद बीमा कंपनी और कृषि विभाग की टीम संयुक्त सर्वे करेगी और सत्यापन के बाद दो महीने के भीतर मुआवजा बैंक खाते में आ जाएगा.
क्यों जरूरी है यह योजना?
किसानों के लिए मौसम का कोई भरोसा नहीं होता. कभी बेमौसम बारिश तो कभी सूखा, उनकी साल भर की मेहनत पल में बर्बाद कर देता है. ऐसे में पीएम फसल बीमा योजना उन्हें आर्थिक सुरक्षा और मानसिक राहत देती है.
उत्तर प्रदेश जैसे कृषि प्रधान राज्य में यह योजना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम भूमिका निभा रही है. अन्य राज्यों के किसान भी अपनी राज्य सरकार की वेबसाइट पर जाकर सटीक जानकारी जरूर लें.

