Army Killed Pahalgam Mastermind | X
नई दिल्ली: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के बैसरन वैली इलाके में हुए दर्दनाक आतंकवादी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. इस नृशंस घटना में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई थी, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. इस हमले के बाद सुरक्षाबलों की ओर से जवाबी कार्रवाई तय थी, और इसी के तहत शुरू हुआ ऑपरेशन महादेव. ऑपरेशन महादेव एक संयुक्त आतंक विरोधी अभियान है, जिसे भारतीय सेना के चिनार कोर, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने मिलकर अंजाम दिया. इसका मुख्य उद्देश्य था पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड और अन्य संदिग्ध आतंकियों को पकड़ना या खत्म करना.
कैसे लगाया गया आतंकियों का पता?
ऑपरेशन से पहले सुरक्षाबलों को डाचिगाम जंगलों के भीतर से संदिग्ध रेडियो कम्युनिकेशन मिला, जिससे शक हुआ कि यह संदेश पहलगाम हमले से जुड़े आतंकी दे रहे हैं. इसके साथ ही इलाके में रह रहे स्थानीय बकरवालों (घुमंतू समुदाय) ने कुछ संदिग्ध गतिविधियों की सूचना दी, जिससे सुरक्षाबलों को सटीक दिशा मिली.
कैसे हुआ आतंकियों का सफाया?
लगातार दो दिन तक सेना ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया. फिर सोमवार को सुबह 11:30 बजे के करीब 24 राष्ट्रीय राइफल्स और 4 पैरा की संयुक्त टीम ने तीन आतंकियों के समूह को ट्रैक किया. दुश्मन को आश्चर्यचकित करते हुए सेना ने बेहद सटीक और तेज रणनीति के साथ हमला किया. 12:37 बजे चिनार कोर ने पुष्टि की कि संपर्क स्थापित हो चुका है और ड्रोन से मिली फुटेज में तीन आतंकियों के शव दिखाई दिए. यानी सभी तीन आतंकी मारे जा चुके थे.
तीनों आतंकी जंगल के अंदर एक पेड़ के नीचे खुदाई कर बनाए गए अस्थायी ट्रेंच (छिपने की जगह) में छिपे हुए थे. घने जंगल और झाड़ियों में छिपकर वे सेना की नजरों से बच रहे थे, लेकिन खुफिया निगरानी ने उन्हें ढूंढ़ निकाला.
मारा गया पहलगाम का मास्टरमाइंड
मारे गए आतंकियों में शामिल था हाशिम मूसा, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक टॉप कमांडर था और पहलगाम हमले का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा था. माना जा रहा है कि यह आतंकियों का वही समूह है जो पहलगाम में 26 नागरिकों की हत्या में शामिल था. इन आतंकियों ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के साझा मॉड्यूल के रूप में काम किया.
क्या खत्म हो गया मिशन?
फिलहाल सेना ने तीन आतंकियों को मार गिराया है, लेकिन ऑपरेशन महादेव अभी जारी है. बाकी बचे आतंकियों की तलाश पूरे जंगल क्षेत्र में की जा रही है. मारे गए आतंकियों की पहचान की प्रक्रिया चल रही है, जिससे यह तय किया जा सके कि क्या ये वही हमलावर थे जिन्होंने बाइसारन में निर्दोषों की जान ली थी.
पहले चला था ऑपरेशन सिंदूर, अब महादेव से हो रही है सफाई
पहलगाम नरसंहार के जवाब में भारत ने पहले ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जिसमें पीओके और पाकिस्तान में 9 आतंकी शिविरों को तबाह कर दिया गया था और 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए थे. लेकिन ऑपरेशन महादेव उन आतंकियों के खिलाफ है जो सीधे पहलगाम हमले में शामिल थे.

