
Air India Flight 171 Black Box Fact Check: आजकल सोशल मीडिया का ज़माना है, जहाँ कोई भी खबर आग की तरह फैल जाती है. लेकिन कई बार इस चक्कर में सच और झूठ का पता लगाना मुश्किल हो जाता है. आज हम एक ऐसी ही खबर की बात करेंगे, जिसमें एक विमान हादसे की रिपोर्टिंग को लेकर बड़ा कन्फ्यूजन पैदा हो गया.
सबसे पहले फैली एक अफवाह
कहानी शुरू होती है एक अफवाह से. सोशल मीडिया पर यह बात फैलने लगी कि 12 जून को अहमदाबाद में क्रैश हुए एयर इंडिया के विमान AI-171 के ब्लैक बॉक्स से आखिरी 10 मिनट की रिकॉर्डिंग गायब है. विमान हादसों की जांच में ब्लैक बॉक्स सबसे अहम सुराग होता है. इसलिए, रिकॉर्डिंग गायब होने की खबर बहुत गंभीर थी और लोग इस पर तरह-तरह की बातें कर रहे थे.
अखबार ने किया अफवाह का खंडन
इस अफवाह के बीच, दैनिक भास्कर अखबार ने 27 जुलाई 2025 को एक रिपोर्ट छापी. जैसा कि आप तस्वीर में देख सकते हैं, अखबार की हेडलाइन साफ-साफ कहती है: “फ्लाइट AI 171 के ब्लैक बॉक्स की आखिरी 10 मिनट की रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं होने का दावा फर्जी है”.
इसका मतलब है कि दैनिक भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि रिकॉर्डिंग गायब होने की बात झूठी है. अखबार ने सरकारी एजेंसी AAIB (एअरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह सच सामने रखा.
⚠️ Fake News Alert!
.@DainikBhaskar ने अपने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि विमान AI 171 के ब्लैक बॉक्स में आखिरी 10 मिनट की रिकॉर्डिंग गायब है#PIBFactCheck
❌ यह दावा #फर्जी है
✅ विमान AI 171 के ब्लैक बॉक्स की पूरी रिकॉर्डिंग उपलब्ध है
📣फर्जी खबरों से बचें और तथ्यों की… pic.twitter.com/0URApYzSI7
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) July 27, 2025
फिर आया PIB फैक्ट चेक का ट्वीट
अब कहानी में एक नया मोड़ आता है. सरकार की फैक्ट-चेक करने वाली संस्था, PIB Fact Check, ने दैनिक भास्कर की इसी खबर की कटिंग पर “फर्जी” (FAKE) की मुहर लगाकर एक पोस्ट किया.
PIB ने अपने पोस्ट में लिखा कि “दैनिक भास्कर ने दावा किया है कि विमान AI 171 के ब्लैक बॉक्स में आखिरी 10 मिनट की रिकॉर्डिंग गायब है” और फिर कहा कि “यह दावा फर्जी है”, और “पूरी रिकॉर्डिंग उपलब्ध है”.
कन्फ्यूजन कहाँ हुआ?
अगर आप ध्यान से देखें, तो दैनिक भास्कर और PIB Fact Check, दोनों एक ही बात कह रहे हैं – रिकॉर्डिंग गायब नहीं हुई है और ऐसी खबरें झूठी हैं.
ऐसा लगता है कि PIB Fact Check ने अखबार की हेडलाइन को ठीक से नहीं पढ़ा. अखबार की हेडलाइन का मतलब था कि “गायब होने का दावा फर्जी है”, न कि “रिकॉर्डिंग गायब है”. PIB ने शायद हेडलाइन के शुरुआती हिस्से को पढ़कर यह मान लिया कि अखबार झूठी खबर फैला रहा है, जबकि अखबार तो उस झूठी खबर का पर्दाफाश कर रहा था.
तो असली सच क्या है?
असली सच यह है कि विमान AI-171 के ब्लैक बॉक्स की पूरी रिकॉर्डिंग जांच एजेंसियों के पास सुरक्षित और उपलब्ध है. आखिरी 10 मिनट की रिकॉर्डिंग गायब होने की खबर सिर्फ एक अफवाह थी, जिसे पहले दैनिक भास्कर ने और बाद में PIB Fact Check ने भी खारिज कर दिया. बस इस प्रक्रिया में थोड़ा कन्फ्यूजन हो गया.
इससे हमें यह सीख मिलती है कि किसी भी खबर, यहाँ तक कि फैक्ट-चेक को भी, हमेशा ध्यान से पढ़ना और समझना चाहिए.

