Fact Check: अमरनाथ यात्रा 2025 के दौरान सोशल मीडिया पर एक खतरनाक प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है. पाकिस्तानी न्यूज चैनल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के जरिए दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार खुद एक ‘False Flag’ हमला प्लान कर रही है, ताकि पाकिस्तान को बदनाम किया जा सके. लेकिन क्या ये दावा सच है? हमने इस पूरे मामले की पड़ताल की और जो सामने आया, वो हैरान करने वाला है. सबसे पहले जानते हैं कि ‘False Flag’ का मतलब क्या होता है. यह एक ऐसी रणनीति होती है जिसमें हमला खुद किया जाता है, लेकिन आरोप किसी और पर लगाया जाता है.
RAW का फर्जी डॉक्यूमेंट किया शेयर
The timing was no coincidence.
Mid-July 2025: Hundreds of thousands of Hindu devotees made their sacred journey to the #Amarnath cave shrine – one of India’s holiest pilgrimages. However, someone wanted to turn this spiritual journey into a source of fear.
DFRAC had already… pic.twitter.com/EzlzDok3O9
— DFRAC (@DFRAC_org) July 23, 2025
‘New False Flag Alert’ का झूठा हैशटैग चलाया
Soon after, Pakistani accounts emerged on July 19 and began amplifying the “New False Flag Alert” narrative with the same hashtag.
We analyzed the messaging. Five key narratives emerged:
1. “False flag is betrayal of public trust. India uses same tactics every time”
2. “From… pic.twitter.com/ZnaEhMQDgi
— DFRAC (@DFRAC_org) July 23, 2025
771 अकाउंट्स से शेयर किए गए फर्जी पोस्ट
Out of 771 accounts using #newfalseflagalert:
32 accounts copy-pasted identical graphics in a format of 3 threads All posted simultaneously on July 19 at 2:30 PM Same content, same timing, same coordination pattern.
5/n pic.twitter.com/DaBtZJRDQ4
— DFRAC (@DFRAC_org) July 23, 2025
फर्जी दावे का कैसे हुआ खुलासा?
18 जुलाई को रात 8:29 बजे ट्विटर अकाउंट @RealBababanaras से एक पोस्ट किया गया. इस पोस्ट में लिखा था कि पाकिस्तान अमरनाथ यात्रा को टारगेट करने वाला है. इसके अगले ही दिन यानी 19 जुलाई को दोपहर 2:30 बजे 32 अकाउंट्स ने बिल्कुल एक जैसे ग्राफिक्स और मैसेज एक साथ पोस्ट किए.
इन ग्राफिक्स में RAW (भारत की इंटेलिजेंस एजेंसी) को बदनाम किया गया और यह दिखाने की कोशिश की गई कि भारत खुद ही फर्जी हमले करवाता है और पाकिस्तान पर दोष डालता है.
फैक्ट चेक में क्या पता चला?
फैक्ट चेक एजेंसी DFRAC ने भी इस पूरे कैंपेन की जांच की. इस दौरान सामने आया कि RAW का फर्जी सीक्रेट डॉक्यूमेंट शेयर किया जा रहा है. कई पोस्ट में AI से बनाए गए फर्जी वीडियो का इस्तेमाल किया गया. 771 से ज्यादा ट्वीट्स इसी हैशटैग से किए गए, जिनका उद्देश्य सिर्फ एक झूठी कहानी को फैलाना था. कुछ अकाउंट्स जैसे @ZarinaDomki ने अकेले 198 ट्वीट्स किए.
यह भी पाया गया कि फेसबुक पर भी इसी तरह के ग्राफिक्स एक दिन बाद पोस्ट किए गए. यानी यह एक प्लेटफॉर्म पर नहीं, बल्कि क्रॉस-प्लेटफॉर्म साजिश थी.
Khalistan एंगल की एंट्री
हरजीत सिंह नामक एक खालिस्तानी समर्थक ने इस प्रोपेगेंडा को और हवा दी. उन्होंने अमरनाथ यात्रा से इस झूठे कैंपेन को जोड़कर सिख और ईसाई समुदाय के खिलाफ दावे किए. लेकिन उनके किसी भी आरोप का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं मिला.
यह पूरी कहानी एक सोची-समझी फेक न्यूज कैंपेन थी. भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गलत धारणा बनाने के लिए इसे सुनियोजित ढंग से फैलाया गया. जबकि अमरनाथ यात्रा पूरी तरह शांतिपूर्ण चल रही है. कहीं कोई भी आतंकवादी हमला या संदिग्ध घटना सामने नहीं आई.

