द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) पाकिस्तानी स्थित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का ही मुखौटा संगठन है और कश्मीर में आतंकी वारदातों को अंजाम देता है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस आतंकवादी संगठन को लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा बताया, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी समूह है और जिसका मुख्यालय पाकिस्तान में है.
रुबियो ने एक बयान में कहा कि टीआरएफ को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाना हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा करने, आतंकवाद का मुकाबला करने और पहलगाम हमले के लिए न्याय के प्रति ट्रंप प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.टीआरएफ ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसे अमेरिकी अधिकारियों ने लश्कर-ए-तैयबा द्वारा 2008 में किए गए मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे घातक आतंकवादी हमला बताया था.
टीआरएफ को अमेरिका द्वारा फॉरेन टेरर आउटफिट घोषित किए जाने से उसके सदस्यों पर कड़े वित्तीय और यात्रा प्रतिबंध लागू हो जाएंगे, तथा आतंकवाद-रोधी प्रयासों में वैश्विक साझेदारों के साथ वाशिंगटन के सहयोग को और मजबूती मिलेगी. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि यह आतंकी समूह भारतीय सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर किए गए कई हमलों से भी जुड़ा हुआ है. इस साल 22 अप्रैल को हथियारबंद आतंकवादी जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में घुस आए और पर्यटकों पर गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए. इस हमले से पूरे भारत में व्यापक आक्रोश फैल गया. अमेरिका सहित कई वैश्विक देशों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस आतंकी हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की थी.

