अरुणाचल प्रदेश में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ छोटी बच्चियों के यौन उत्पीड़न के आरोपी को भीड़ ने थाने से खींचकर पीट-पीटकर मार डाला. यह घटना दिबांग घाटी के रोइंग कस्बे की है.
असम का रहने वाला एक शख्स रोइंग में माउंट कार्मेल स्कूल के पास एक मकान के निर्माण में मजदूरी कर रहा था. उस पर आरोप था कि वह कुछ दिनों से स्कूल के हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों का यौन उत्पीड़न कर रहा था. इन बच्चियों में कुछ की उम्र तो महज़ छह से आठ साल ही थी, जबकि कुछ टीनएजर थीं.
कुछ अभिभावकों ने अपनी बेटियों की बिगड़ती सेहत देखकर उनसे पूछताछ की, तो उन्हें आरोपी के बारे में पता चला. इसके बाद उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 11 जुलाई को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसे रोइंग पुलिस स्टेशन में रखा.
भीड़ का गुस्सा और लिंचिंग
12 जुलाई तक यह खबर पूरे इलाके में फैल गई. इसके बाद, गुस्साई भीड़ ने थाने पर धावा बोल दिया. उन्होंने थाने को घेर लिया और आरोपी को ज़बरदस्ती बाहर खींच लिया. भीड़ ने उसे इतनी बुरी तरह पीटा कि मौके पर ही उसकी मौत हो गई.
पुलिस की भूमिका
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब आरोपी को पीटा जा रहा था, तब पुलिसकर्मी थाने में मौजूद थे. लेकिन भीड़ की संख्या पुलिसकर्मियों से कहीं ज़्यादा थी, जिसकी वजह से वे कुछ नहीं कर पाए. NDTV के सूत्रों के अनुसार, थाने पर हमले के बाद अतिरिक्त पुलिस बल और अर्धसैनिक बल को बुलाया गया, लेकिन जब तक वे पहुंचते, आरोपी की मौत हो चुकी थी.
यह घटना एक गंभीर सवाल खड़ा करती है कि क्या कानून को अपने हाथ में लेना सही है, भले ही अपराध कितना भी जघन्य क्यों न हो. यह दिखाता है कि लोग अपने बच्चों के साथ हुए ऐसे अपराधों से कितने आहत और गुस्से में हैं.

