रायपुर। कॉलेज में नियमों को ताक पर रखकर की गई कम्प्यूटर और फर्नीचर की खरीदी से संबंधित मामले में रिटायर्ड तत्कालीन प्राचार्य को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रालय द्वारा डॉ. निशा शर्मा, सेवानिवृत्त प्रभारी प्राचार्य एवं सहायक प्राध्यापक, गजानन अग्रवाल शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भाटापारा के खिलाफ बड़ा आदेश जारी किया गया है। जारी आदेश के मुताबिक, डॉ. निशा शर्मा ने अपने कार्यकाल के दौरान कॉलेज के निर्माण कार्य, कम्प्यूटर, और फर्नीचर की खरीदी में भंडारण क्रय नियमों का उल्लंघन किया। आरोप है कि उन्होंने निविदा प्रक्रिया का पालन नहीं किया।
जिससे शासन को 17,71,106 रुपए की वित्तीय क्षति हुई। विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर अब शासन ने उनकी पेंशन से यह पूरी राशि वसूलने के आदेश दिए हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि सेवानिवृत्त होने के बावजूद यदि कोई शासकीय कर्मचारी कार्यकाल के दौरान अनियमितता या भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है, तो उससे नियमों के तहत पेंशन से वसूली की जा सकती है। यह मामला अब सरकारी कॉलेजों में वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता को लेकर एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गया है। आदेश के बाद उच्च शिक्षा विभाग के अन्य संस्थानों में भी इस प्रकार की खरीद और निर्माण कार्यों की समीक्षा तेज हो सकती है।

