गिरिश गुप्ता गरियाबंद:- जिले के फिंगेश्वर विकासखंड के अंतिम छोर पर बसे ग्राम रवेली जहां के लोगों को बरसात लगते ही डर और घबराहट हो जाती है।
बता दें कि प्रतिवर्ष बारिश के दिनों में भेंडरी और रवेली को जोड़ने वाला पुल थोड़ी सी भी बारिश में पुल के ऊपर से पानी चलने लगता है नदी तल से पुल महज दो फीट की ऊंचाई पर है और बाढ़ का पानी आने से दोनों गांव की संपर्क पूरी तरह टूट जाता है बता दे की बारिश की दिनों में शहर और आसपास के लोग जतमई घटारानी जैसे वॉटरफाल घूमने बड़ी उम्मीद से आते हैं किन्तु पुल के ऊपर से चल रही तेज पानी की दबाव लोगों को कई किलोमीटर दूरी घूम कर तय करने को मजबूर कर देते हैं।
बता दें कि इसी मार्ग से उस स्थान को जाते हैं जिसे छत्तीसगढ़ का पर्यटन स्थल कहा जाता है. वही ग्रामीणों की बात करें तो उनकी जीवन यापन का आधा से ज्यादा कार्य सामग्री खाद्य सामग्री कृषि सामग्री स्कूल जैसे कई अन्य चीजों के लिए ग्राम रवेली को भेंडरी लोहरसी कोपरा पांडुका जैसे आसपास के गांव व नगर के ऊपर आश्रित हैं बाढ़ का पानी आ जाने से यह मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाता है जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है कई लोग अपनी जान को हथेली में रख कर मजबूरी वस नदी को पार करते हैं और इस बीच किसी अप्रिय दुर्घटना घट जाने कि आशंका बनी रहती है।

कांग्रेस सरकार में भेंट मुलाकात के दौरान जब भूपेश बघेल फिंगेश्वर पहुंचे हुए थे तो उन्होंने इस नदी में पुल बनाने की घोषणा की थी किंतु लोगों को अब तक पुल मिला ही नहीं है इतनी गंभीर समस्या का निदान नहीं हो रहा है ग्यारह सौ से अधिक की जनसंख्या वाले ग्राम रवेली बारिश में पूरी तरह अपने घरों में कैद हो हैं मजबूर हो जाते है और उनके कार्य भी ठप हो जाते है, इस नदी में कई परीक्षण करके चले गए लेकिन अभी तक पुल नहीं बन पाया लोग आंख ताकते बैठे हुए हैं की कब हमारे इस नदी को पुल मिलेगा और बिना किसी रुकावट के अपने कार्य में आगे बढ़ सकेंगे व नदी को पार कर सकेंगे. सबरी की तरह पुल का राह देख रहे है. बुधवार को भी लोगों को जान हथेली में रखकर नदी पार करते देखा गया जो कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकती है यदि यह नदी मे पुल जल्द से जल्द बन जाएगा तो ग्रामीण व राहगीरो को राहत मिलेगी.

सरपंच दशोदा ध्रुव ने कहा की बरसात आते ही ग्रामीणों की समस्या और बड़ जाती, ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर हो जाते है हमेशा भय की स्थिति बनी रहती हैं। इसके अलावा बांकी दिनों में भी इस जर्जर पुलिया में समस्या बनी रहती है, ग्रामीणों की वर्षो से मांग है की उच्च स्तर के पुलिया की विगत दिनों सुशासन तिहार में भी उच्च स्तरीय पुलिया निर्माण के लिए आवेदन दिया गया जिसका अभी तक कोई सुराख़ देखने को नही मिला है सर्वे पर सर्वे करते करते बारिश लग गई पर हासिल कुछ नहीं हुआ….

