यह इस मौसम में पहली बार बांध से पानी की निकासी की गई है, जिसने महानदी के आसपास के क्षेत्रों में हलचल मचा दी है।
Odisha News : संबलपुर। लगातार बारिश और छत्तीसगढ़ से बढ़ते जल प्रवाह के कारण ओडिशा के हीराकुद बांध में जल स्तर तेजी से बढ़ने के बाद रविवार को बांध के 12 स्लुइस गेट खोलकर बाढ़ का पानी छोड़ा गया। यह इस मौसम में पहली बार बांध से पानी की निकासी की गई है, जिसने महानदी के आसपास के क्षेत्रों में हलचल मचा दी है।
बांध के नियंत्रण कक्ष के अनुसार, सुबह 9 बजे जलाशय का जल स्तर 609.54 फीट दर्ज किया गया। उस समय जलाशय में 1,30,028 क्यूसेक पानी का प्रवाह आ रहा था, जबकि 38,164 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही थी। इस डिस्चार्ज में से 34,313 क्यूसेक पानी बिजली उत्पादन के लिए पावर चैनल को, 3,223 क्यूसेक पानी सिंचाई के लिए, और 234 क्यूसेक पानी औद्योगिक इकाइयों को आपूर्ति के लिए भेजा गया। सिंचाई के लिए पानी बरगढ़ मुख्य नहर (2,755 क्यूसेक), सासन मुख्य नहर (400 क्यूसेक), और संबलपुर डिस्ट्रीब्यूटरी (68 क्यूसेक) में वितरित किया गया।
छत्तीसगढ़ के कलमा बैराज से बढ़ा खतरा-
अधिकारियों ने बताया कि जल स्तर में वृद्धि का एक प्रमुख कारण छत्तीसगढ़ के कलमा बैराज के सभी 46 गेटों का हाल ही में खोला जाना है। इससे महानदी नदी प्रणाली में पानी का प्रवाह तेजी से बढ़ा, जिसके चलते हीराकुद बांध पर दबाव बढ़ गया। बांध प्रबंधन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुबह गेट नंबर 7 खोलकर पानी छोड़ना शुरू किया और बाद में 12 गेट खोले गए।
पिछले साल से पहले शुरू हुई निकासी-
पिछले वर्ष की तुलना में इस बार पानी की निकासी जल्दी शुरू हुई। 2024 में हीराकुद बांध से पहली बार 28 जुलाई को बाढ़ का पानी छोड़ा गया था, जब जल स्तर 617.29 फीट तक पहुंच गया था। इस बार जल स्तर के तेजी से बढ़ने के कारण पहले ही सतर्कता बरती गई।

