कांकेर जिला के दुधावा क्षेत्र के एक मकान में घुसा तेंदुआ आखिरकार पिंजरे (Leopard captured) में कैद हो गया. वन विभाग ने 8 घंटे के लंबे मशक्कत के बाद तेंदुए को कैद किया है.
बताया जा रहा है कि तेंदुए को पकड़ने किचन के दरवाजे तक पिंजरे को लगाया गया, तब कहीं जाकर विभाग को सफलता मिली. पकड़ में आने के बाद ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है. बता दें कि पिछले 10 दिन में दूसरी बार इस क्षेत्र में तेंदुए का रेस्क्यू किया गया है.
बता दें कि दुधावा में एक तेंदुआ भोजन-पानी की तलाश में भटकते हुए सुबह 6 बजे बीच बस्ती तक आ पहुंचा. यहां एक ग्रामीण किसान फत्तेसिंह नेताम के घर में वो घुस गया. घर के सदस्य वेदप्रकाश की जब नजर पड़ी, तो तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया. वेदप्रकाश ने अपने बचाव में पैर से मारकर भगाने की कोशिश की लेकिन तेंदुआ घायल कर किचन में जाकर घुस गया. काफी देर तक जब तेंदुआ नहीं निकला तो विभाग को सूचना दी गई.
सूचना मिलने पर विभाग ने कांकेर से टीम बुलाई और तेंदुए को पकड़ने की कवायत शुरू की गई. रिहायशी इलाका होने और लोगों की जान को खतरा होने की संभावना पर विभाग ने किचन व आपस के सभी इलाके को जाली से ढक दिया. इस दौरान घंटों इंतजार करना पड़ा. विभाग ने पिंजरे का इस्तेमाल किया और लालच में तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया. इस तेंदुआ को पकड़ने में पूरे 8 घंटे लग गए. मामले में विभाग का कहना है कि तेंदुआ को पकड़ लिया गया है. स्वास्थ्य परीक्षण के बाद सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाएगा.
गौरतलब है किइस क्षेत्र में लगातार तेंदुआ का आतंक देखा जा रहा था. विभाग ने इसके लिए जंगलों में काफी संख्या में कैमरे भी लगाए हैं. इनकी मदद से 11 जून की सुबह एक तेंदुआ को कैद किया गया और अब फिर 21 जून को दूसरा तेंदुआ भी पिंजरे में कैद हो गया. इस तरह, 10 दिनों में विभाग ने कुल दो तेंदुए को पकड़ लिया है.
दुधावा इलाका बीते कुछ सालों से तेंदुआ के हमले से काफी चर्चा में है. क्योंकि इस इलाके में अब तक तेंदुआ के हमले की सात मामले सामने आए हैं, जिसमें एक की मौत भी हो गई है. गांव व आसपास के लोग दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं.