यूपी-एमपी, बिहार-झारखंड की तरह मचा रहे आतंक, हाईकोर्ट को लेना पड़ा संज्ञान
अधिकारी कमीशन खोरी के लिए दे रहे संरक्षण, पिछली सरकार की नियम कायदों को अपनाकर राज्य सरकार को बदनाम करने की कोशिश
खनिज अधिकारियों पर तीन गुना रायल्टी लेने का आरोप, ठेकेदार भी उठा रहे सवाल
कांग्रेस सरकार में बने सिस्टम पर चल रहा काम, माफिया-अधिकारी कर रहे मनमानी
खनिज विभाग पर देयक से 3 गुना रायल्टी लेने का आरोप
ठेकेदारों ने खनिज के बाजार मूल्य
तय करने पर उठाए सवाल
ठेकेदारों ने पूछा आखिर कौन तय करता है खनिज का बाजार भाव
ठेकेदारों ने कलेक्टर से 3 गुना रायल्टी पर रोक लगाने की लगाई गुहार
ठेकेदार खनिज के वास्तविक मूल्य का देने के बाद भी वसूली से हलाकान
रायपुर (जसेरि)। छत्तीसगढ़ में भी यूपी-एमपी, बिहार और झारखंड की तर्ज पर खनन माफिया आतंक फैलाने लगे हैं। अंबिकापुर और राजनांदगांव जिले में खनन माफियाओं की गुंडागर्दी और फायरिंग की घटनाएं सामने के बाद न्यायालय ने भी इस पर संज्ञान लिया है और राज्य सरकार से जवाब तलब की है। सरकार की प्रशासन पर कमजोर नियंत्रण के चलते मैदानी अधिकारी रेत व अन्य खनिज खनन माफिया को संरक्षण दे रहे हैं। यह या तो कमीशन खोरी के लिये हो सकती है या फिर राज्य सरकार को बदनाम करने की मंशा होगी। अंबिकापुर में रेत माफिया ने एक कास्टेबल को कुचल दिया था। इसके तार झारखंड से जुड़े हुए थे वहां से आरोपियों की गिरफ्तारी की गई थी। लेकिन इसके बाद धमतरी, गरियाबंद, राजनांदगांव और दो दिन पहले बलौदाबाजर जिले में भी खनन माफिया की खुलेआम गुंडागर्दी सामने आई है। साफ है छत्तीसगढ़ की शांत फिजां को बाहर से आए रेत माफिया स्थानीय ठेकेदारों के साथ मिलकर खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार को इस पर लगाम कसने की जरूरत है। अंबिकापुर की घटना के बाद मुख्यमंत्री ने अवैध रेत उत्खनन और परिवहन पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिये थे लेकिन मैदानी स्तर पर इसका असर दिखाई नहीं दिया। परिणाम स्वरुप गरियाबंद और राजनांदगाव में भी फायरिंग की घटनाएं हुई। राजनांदगांव की घटना में जिला खनिज अधिकारी की भूमिका संदिग्घ रही जिसके चलते उन्हें बर्खास्त कर दिया गया हैं वही संबंधित थाने के टीआई को भी निलंबित किया गया है। सरकार को खनन माफिया के खिलाफ सख्त होने की जरूरत है।
प्रशासन की सख्त चेतावनी
वहीं बीते दिनों गरियाबंद जिले में अवैध रेत खनन और परिवहन की कवरेज करने गए पत्रकारों पर रेत माफियाओं के गुर्गों ने जानलेवा हमला कर दिया था। इसके बाद लगातार प्रदेश के सभी जिलों में अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई को लेकर प्रशासन पर सवाल उठाए गए। हालांकि प्रशासन ने आज की कार्रवाई से सभी रेत माफियाओं को साफ संदेश दिया है कि जिले में अवैध रेत खनन और परिवहन करने वालों पर इसी तरह सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। कलेक्टर और एसपी ने अवैध कारोबारियों को चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
खनिज अधिकारी के निलंबन के बाद एक्शन, बिलासपुर में 42 वाहन जब्त
अवैध रेत खनन के खिलाफ बिलासपुर में प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। कलेक्टर और एसपी के संयुक्त निर्देश पर रविवार को कई स्थानों पर छापामार कार्रवाई कर 42 वाहन और हजारों घन मीटर अवैध रेत जब्त की गई है।
अवैध रेत परिवहन में शामिल वाहन जब्त
कार्रवाई के दौरान विभिन्न थाना क्षेत्रों से कुल 42 वाहन पकड़े गए हैं। इनमें 25 हाईवा सिविल लाइन क्षेत्र से, 2 हाईवा सरकंडा थाना क्षेत्र से, 3 हाईवा मस्तूरी थाना क्षेत्र से, 6 हाईवा और 2 ट्रैक्टर पचपेड़ी थाना क्षेत्र से, 2 ट्रैक्टर बेलगहना से, 3 ट्रैक्टर सिविल लाइन से, 6 ट्रैक्टर और 4 ट्राली कोटा से, 2 ट्रैक्टर हिर्री थाना क्षेत्र से, 3 ट्रैक्टर कोनी और 4 ट्रैक्टर चकरभाठा थाना क्षेत्र से जब्त किए गए हैं। सभी वाहनों को संबंधित थानों में पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है।
कई जगह रेत डंप, प्रकरण दर्ज
अधिकारियों की टीम ने जिले भर में अवैध रेत के डंपिंग स्थलों पर भी कार्रवाई की। सिविल लाइन क्षेत्र में तीन स्थानों पर 31 हाईवा रेत डंप मिली, कोटा क्षेत्र में दो जगह, मस्तूरी में तीन जगह और हिर्री क्षेत्र में पांच जगह करीब 450 ट्रैक्टर रेत डंप पाए गए। कोनी क्षेत्र में भी चार जगह रेत डंप पर प्रकरण दर्ज किया गया है।
राज्य में रेत खदानें बंद
बता दें, छत्तीसगढ़ में नदी-नालों में रेत खदानों से रेत के उत्खनन और परिवहन पर अब प्रतिबंध लग गया है। रेत खदानें अब 15 अक्टूबर के बाद ही चालू हो पाएंगी। अगले चार महीने तक रेत कारोबारियों की मनमानी चलेगी और आम उपभोक्ताओं को मकान या अन्य निर्माण कार्यों के लिए महंगे दाम पर रेत मिलेगी। मानूसन को देखते हुए कुछ अनुज्ञप्तिधारियों ने लाइसेंस लेकर कई स्थानों पर रेत का भंडारण कर लिया है। वहीं, कई स्थानों पर रेत के अवैध भंडारण की शिकायतें भी मिल रही हैं।
बिलासपुर कांट्रैक्टर एसोसिएशन ने विज्ञप्ति जारी कर सुशासन के नाम पर चल रहे डकैती पर तत्काल रोक लगाने की कलेक्टर से गुहार लगाई है। एसो. के राजीव प्रताप सिंह ने कलेक्टर से मांग की है कि छत्तीसगढ़ खनिज विभाग ठेकेदारौं के देयक से 3 गुना रायल्टी की राशि को रोका जाता है, जिसे तत्काल बंद कराकर ठेकेदारों ईमानदारी से काम करने का मौका देने की अपील की। छत्तीसगढ़ उच्चन्यायालय व्दारा पारित फैसले को ठेकेदारों के गाइड लाइन को पूरे प्रदेश में लागू करवाए। राजीव प्रताप सिंह ने कलेक्टर औऱ समाचार पत्रों को लिखे पत्र में कहा है कि माइनिग व्दारा अनुबंध से बाहर आदेश जारी कर विभागों से 3 गुना रायल्टी कटवाया जा रहा है जिसे तत्काल रोक लगाने की जरूरत है। ठेकेेदार एसोसिएशन ने शासन-प्रशासन से ठेकेदारों के साथ हो रहे वसूली पर संज्ञान लेने की अपील की है।
ठेकेदारों ने सवाल उठाया है कि बाजार भाव का निर्धारण किसने किया। क्या इसमें निजी संस्थाओ्ं या संगठन की राय ला गई । बाजार भाव का निर्धारण कैसे व किसने किया है। ठेकेदार को निविदा प्राप्त होने के बाद ठेकेदार ट्रेडर्स /बाजार से गौण खनिज संपूर्ण टैक्स देकर क्रय करता है। फिर ठेकेदार को दोषी मानकर 3 गुना राशि काटना लगत है। जबकि ठेकेदार खनिज विभाग के वास्तविक मूल्य का देनदार है व देयक से कटाने तैयार रहता है। खनिज विभाग में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। रायल्टी क्लीरेंस जारी करने के नाम पर डकैती की जा रही है। 100 प्रतिशत रायल्टी देने पर भी 10 प्रतिशत घूस ली जाती है। दूसरे जिले की रायल्टी सत्यापन 5 प्रतिशत घूस ली जाती है। यह सुशासन है या कुशासन । पड़ोसी राज्य मप्र, उड़ीसा, महाराष्ट्र में ठेकेदारों के बिल से 3 गुना काटने का कोई नियम नहीं है। न ही रायल्टी क्लीरेंस करवाना अनिवार्य है। संघ ने कहा है कि जो नियम विगत 25 वर्षों से चल रहा है। उसी नियम को लागू करें। पीडब्ल्यूडी, डब्ल्यू आर ओ, एनएच, एनएचएआई,एनटीपी सी सभी विभागों में अनुबंध में रायल्टी सरकारी दर पर काटने व माइनिंग में जमा करने शर्तें लिखित है। परंतु माइनिंग व कलेक्टरों के एकतरफा फकमान के कारण 3 गुना रायल्टी काटा जा रहा है। जबकि डब्ल्यूपीसी न. 1818 आफ 2016 का उच्चन्यायालय छत्तीसगढ़ का फैसला आ चुका है कि अतिरिक्त मूल्य नहीं काट सकते।