Credit-(Instagram,PUNE PULSE)
सोलापुर, महाराष्ट्र: सोलापुर जिले के गुरसाले गांव के समीप स्थित भिमा नदी के किनारे पर बना महादेव मंदिर सोमवार सुबह एक अप्रत्याशित संकट का केंद्र बन गया, जब तीन पुजारी सुभाष धवन, विठ्ठल लोखंडे, और जाधव महाराज मंदिर परिसर में फंस गए. यह घटना उस समय घटी जब तीनों पुजारी प्रतिदिन की तरह सुबह-सुबह मंदिर पहुंचे थे ताकि भगवान महादेव की पूजा और अभिषेक कर सकें. परंतु प्रकृति की ताकत ने उन्हें ऐसा घेर लिया कि कुछ ही घंटों में उनका वहां से बाहर निकलना नामुमकिन हो गया. नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण ये वही फंस गए.गांव के लोगों को जब ये बात पता चली तो उन्होंने प्रशासन को इसकी जानकारी दी.
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम PUNE PULSE नाम के हैंडल से शेयर किया गया है. ये भी पढ़े:Daund Heavy Rainfall: नदी जैसी दिखाई दे रही है सड़कें, कार भी पानी में बही, पुणे जिले के दौंड में लगातार बारिश से मचा हाहाकार, वीडियो आया सामने (Watch Video)
भीमा नदी में फंसे तीन पुजारी
मंदिर तक पहुंचने वाला रास्ता पूरी तरह जलमग्न
प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, सुबह लगभग 7:30 बजे के आसपास भिमा नदी का पानी अचानक तेजी से बढ़ने लगा. देखते ही देखते वह हिस्सा जहां से होकर मंदिर तक पहुंचा जाता था, पूरी तरह से जल में डूब गया. इस दौरान तीनों पुजारी मंदिर के भीतर ही थे और उन्हें इस बात का अंदाज़ा तक नहीं था कि जलस्तर इतनी जल्दी बढ़ जाएगा. मंदिर थोड़ा ऊंचाई पर स्थित है, जिस वजह से वहां पानी तो नहीं पहुंचा, लेकिन चारों ओर फैला जलजाल उन्हें बाहर निकलने से रोक रहा था.
ग्रामीणों की सतर्कता और प्रशासन की तत्परता ने टाली अनहोनी
मंदिर में फंसे पुजारियों ने तत्काल अपने मोबाइल के माध्यम से गांव के लोगों को संपर्क किया, ग्रामीणों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन को इसकी सूचना दी,सूचना मिलते ही सोलापुर जिला प्रशासन ने तुरंत आपदा प्रबंधन विभागको सक्रिय किया और टीम को तेजी से मौके पर रवाना किया गया। यह राहत दल जरूरी उपकरणों के साथ कुछ ही समय में मंदिर परिसर के पास पहुंचा और एक सुनियोजित एवं संयमित रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया.
पुजारी सुरक्षित बाहर निकाले गए
लगभग दो घंटे चले इस बचाव अभियान के अंत में तीनों पुजारियों को सुरक्षित रूप से बाहर निकाल लिया गया. राहत की बात यह रही कि किसी को भी कोई चोट नहीं आई और सभी की शारीरिक स्थिति सामान्य पाई गई. रेस्क्यू के बाद तीनों को प्राथमिक चिकित्सा जांच के लिए अस्थायी शिविर में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी स्वास्थ्य जांच की. पुजारियों के चेहरे पर राहत और कृतज्ञता साफ दिखाई दे रही थी.प्रशासनिक अधिकारियों ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि नदी के जलस्तर में यह अप्रत्याशित वृद्धि संभवतः उपरी क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के कारण हो सकती है.सिंचाई विभाग और मौसम विज्ञान विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि अचानक पानी किस वजह से बढ़ा. जब तक इसकी पुष्टि नहीं हो जाती, तब तक यह मानना ही सुरक्षित है कि प्राकृतिक आपदाओं की संभावनाएं बढ़ती जलवायु अस्थिरता का हिस्सा हैं.
प्रशासन की चेतावनी
इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे नदी के आसपास के इलाकों में विशेष सावधानी बरतें.विशेषकर जो लोग निचले क्षेत्रों में रहते हैं, उन्हें अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचने और स्थानीय अधिकारियों के दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है. प्रशासन यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि ऐसी आपदाएं दोबारा न हों और यदि हों, तो उनका प्रभाव न्यूनतम रहे.


