Operation Sindoor: भारत ने पहले सिंधु जल संधि को स्थगित किया और अब झेलम नदी पर तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट (Wular Barrage) को फिर से शुरू करने की योजना बनाई है। इस प्रोजेक्ट को 1987 में पाकिस्तान के विरोध के बाद रोक दिया गया था।
Operation Sindoor: नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने की तैयारी कर ली है। भारत ने पहले सिंधु जल संधि को स्थगित किया और अब झेलम नदी पर तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट (Wular Barrage) को फिर से शुरू करने की योजना बनाई है। इस प्रोजेक्ट को 1987 में पाकिस्तान के विरोध के बाद रोक दिया गया था।
Operation Sindoor: बता दें, यह कदम पाकिस्तान को पानी के लिए तरसाने और आतंकवाद के खिलाफ कूटनीतिक दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया, जिससे तुलबुल प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है। अब पाकिस्तान के पास इस पर आपत्ति जताने का कोई कानूनी आधार नहीं है।
Operation Sindoor: क्या है तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट?
तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट, जिसे वुलर बैराज भी कहा जाता है, बारामूला में वुलर झील के मुहाने पर झेलम नदी के बहाव को नियंत्रित करने वाला कंट्रोल स्ट्रक्चर है। 1984 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट का मकसद साल भर नेविगेशन सुविधा देना, सर्दियों में बिजली उत्पादन बढ़ाना और अनंतनाग, श्रीनगर व बारामूला को जोड़ना था। लेफ्ट बैंक पर कंक्रीट पाइलिंग और नींव का काम पूरा होने के बाद 1987 में पाकिस्तान की आपत्ति के चलते इसे रोक दिया गया।
Operation Sindoor: पाकिस्तान ने दावा किया था कि यह प्रोजेक्ट झेलम नदी से उसके क्षेत्र में पानी के प्रवाह को रोक देगा, जिससे उसके ट्रिपल कैनाल प्रोजेक्ट (झेलम-चेनाब और अपर बारी दोआब कैनाल) को नुकसान होगा। उसे यह भी डर था कि भारत संग्रहित पानी के जरिए उसके पानी के हिस्से पर नियंत्रण कर सकता है। भारत और पाकिस्तान के बीच 13 दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी।

