प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को मापने के तीन प्रमुख मापदंडों की घोषणा की, जो आने वाले महीनों और वर्षों में भारत की विदेश और रक्षा नीति के मूल स्तंभ बनेंगे
PM Narendra Modi : नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और हालिया आतंकी घटनाओं के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सख्त और स्पष्ट संदेश देते हुए पाकिस्तान के प्रति भारत की नई नीति को देश के सामने रखा। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ किसी भी सूरत में समझौता नहीं करेगा और जवाब अब “भारत की शर्तों” पर ही दिया जाएगा। उन्होंने इस रणनीति को “ऑपरेशन सिंदूर” करार देते हुए इसे आतंक के खिलाफ निर्णायक नीति बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को मापने के तीन प्रमुख मापदंडों की घोषणा की, जो आने वाले महीनों और वर्षों में भारत की विदेश और रक्षा नीति के मूल स्तंभ बनेंगे-
PM Narendra Modi : पहली शर्त: हमला होगा तो जवाब मुंहतोड़ मिलेगा-
प्रधानमंत्री ने दो टूक कहा, “अगर भारत पर कोई आतंकी हमला होता है तो जवाब उसी की भाषा में मिलेगा। और वह जवाब हमारी शर्तों पर, हमारे समय पर, उस जगह पर दिया जाएगा जहां आतंक की जड़ें उगती हैं।” यह बयान स्पष्ट करता है कि भारत अब सिर्फ रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक नीति को अपनाएगा।
PM Narendra Modi : दूसरी शर्त: अब न्यूक्लियर ब्लैकमेल नहीं चलेगा-
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान द्वारा परमाणु हमले की अप्रत्यक्ष धमकियों पर भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा, “भारत अब न्यूक्लियर ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा। आतंक की सरकार और आतंक के आकाओं को हम अब अलग-अलग नहीं देखेंगे। उनके बीच अब कोई फर्क नहीं किया जाएगा।” यह संकेत है कि भारत पाकिस्तान के भीतर सक्रिय आतंकी नेटवर्क को उसकी सरकार से अलग मानकर नहीं देखेगा।
PM Narendra Modi : तीसरी शर्त: न टेरर और टॉक एक साथ, न टॉक और ट्रेड-
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत अब ‘आतंक और बातचीत’ या ‘बातचीत और व्यापार’ दोनों को एक साथ नहीं चलने देगा। “या तो शांति होगी, या संघर्ष। अब बीच का कोई रास्ता नहीं होगा,” उन्होंने कहा। यह नीति पाकिस्तान के साथ भविष्य के राजनयिक और व्यापारिक संबंधों की दिशा तय करती है।
PM Narendra Modi : ऑपरेशन सिंदूर: भारत की नई सुरक्षा नीति की पहचान-
प्रधानमंत्री मोदी ने “ऑपरेशन सिंदूर” को आतंकवाद के खिलाफ भारत के ‘न्यूनतम सहनशीलता और अधिकतम जवाबदेही’ की नीति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन न केवल आतंकी ढांचे को खत्म करने की रणनीति है, बल्कि भारत के आत्मसम्मान और संप्रभुता की रक्षा का भी नाम है।
प्रधानमंत्री के इस बयान को कूटनीतिक और सैन्य हलकों में एक बड़ी नीति-पारी के रूप में देखा जा रहा है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कोई भी आतंकी कार्रवाई ‘बिना जवाब’ नहीं जाएगी – और वह जवाब कब, कहां और कैसे दिया जाएगा, इसका निर्धारण भारत खुद करेगा।

