Raipur. रायपुर। रायपुर में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। कोल माफिया निखिल चंद्राकर की पत्नी तलविंदर चंद्राकर उर्फ चिक्की के दबाव में पुलिस ने बलात्कार के सबूत मिटाने वाले दो आरोपियों को थाने से ही रिहा कर दिया। भारतीय संत सनातन धर्म रक्षा संघ के प्रदेश अध्यक्ष राहुल तिवारी ने बताया कि यह मामला दो साल पहले दर्ज हुए एक बलात्कार मामले से जुड़ा है, जिसमें निखिल चंद्राकर के गिरोह के दो सदस्यों, निलेश सरवैया उर्फ मोंटी और गणेश वर्मा उर्फ गोलू ने पीड़िता के घर से यौन
संबंधी
मेडिकल दस्तावेज और शैक्षिक प्रमाण पत्र चोरी किए थे। पुलिस ने इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था और उनसे पूछताछ कर रही थी।श्री तिवारी ने कहा कि जैसे ही निखिल चंद्राकर की पत्नी तलविंदर को इस बात का पता चला कि उसके पति के खिलाफ बलात्कार मामले के सबूत मिटाने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. वह थाने पहुंची और पुलिस पर दबाव बनाया। इसके बाद पुलिस ने बिना गिरफ्तारी किए और आरोपियों को कोर्ट में पेश किए बिना उन्हें थाने से रिहा कर दिया। श्री तिवारी के अनुसार, यह कदम तलविंदर चंद्राकर के दबाव में उठाया गया। इस मामले ने न केवल पुलिस की नाकामी को उजागर किया, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा के
दावों
की भी पोल खोल दी है। पीड़िता का घर जहां से चोरी की गई थी, आज भी तलविंदर चंद्राकर के कब्जे में है। इसके बावजूद पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और पीड़िता आज भी थाने के चक्कर काट रही है। प्रदेश अध्यक्ष तिवारी ने कड़े शब्दों में इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह घटना छत्तीसगढ़ में महिला सुरक्षा और पुलिस विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाती है। पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए दो साल के लंबे संघर्ष के बावजूद पुलिस ने आरोपियों को रिहा कर दिया। इस मामले से यह साफ होता है कि महिलाएं प्रदेश में कितनी सुरक्षित हैं, खासकर जब मामला प्रभावशाली व्यक्तियों से जुड़ा हो।
